पटना।। पटना हाई कोर्ट ने बुधवार को लक्ष्मणपुर बाथे नरसंहार कांड में निचली अदालत के फैसले को खारिज करते हुए सभी 26 आरोपियों को बरी कर दिया है। इस नरंसहार में 58 दलितों की नृशंस हत्या कर दी गई थी।
घटना बिहार के अरवल जिला के मेहंदिया थाने क्षेत्र के लक्ष्मणपुर बाथे गांव में 1 दिसम्बर 1997 को हुई थी।
बता दें कि हाई कोर्ट के फैसले से पहले पटना सिविल कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए 16 लोगों को फांसी, 10 को आजीवन कारावास और साक्ष्य के अभाव में 19 लोगों को बरी किया था।
उल्लेखनीय है कि रणवीर सेना और नक्सलियों के बीच कई नरसंहार हुए थे। इसमें लक्ष्मणपुर बाथे नरसंहार सबसे बड़ा है।
पिछड़ी जातियों के 11 लोगों की हत्या के जबाव में नक्सलियों ने 37 सवर्णों की हत्या कर दी थी।
इसके जबाव में रणवीर सेना के हथियारबंद दस्ते ने 1997 में 58 दलित समुदाय के लोगों की हत्या कर दी थी।
इसके लिये ब्रह्मेश्वर सिंह को मुख्य अभियुक्त माना गया था। बता दें कि ब्रम्हेश्वर मुखिया की 1 जून 2012 को आरा में हत्या कर दी गई थी।