ऑस्टियोपोरोसिस एक ऐसी बीमारी है जिसमें हड्डियों की मजबूती कमजोर होने लगती है। इस कारण हल्का-सा आघात लगने पर ही शरीर के किसी भाग में फ्रैक्चर होने की आशंका बढ़ जाती है। वैसे तो यह बीमारी पुरुषों को भी होती है, लेकिन पुरुषों की तुलना में यह महिलाओं को कहीं ज्यादा होती है, जिसके कुछ कारण हैं। महिलाओं की जिंदगी में रजोनिवृत्ति (मैनोपॉज) एक ऐसा चक्र है, जो प्राकृतिक रूप से आमतौर पर 45 साल और इसके बाद आता है।
कारण
मैनोपॉज के दौरान इस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रॉन नामक हार्मोन कम होने लगते हैं। इस वजह से माहवारी समाप्त होने लगती है। इस दौरान महिलाओं में अनेक शारीरिक और मानसिक बदलाव होते हैं। जैसे कुछ ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें महिलाओं का वजन बढ़ने लगता है। इसके अलावा योनि में सूखापन आना, पेशाब करने के दौरान जलन होना, हड़िडयों का कमजोर होना, माहवारी का जल्दी-जल्दी आना या फिर देर से आना, बहुत ज्यादा पसीना आना, मूड में बदलाव होना, थकावट और चिड़चिड़ापन आदि लक्षण प्रकट होते हैं।
अगर किसी महिला को माहवारी अनियमित रूप से होती है, तो उसे डॉक्टर से समय रहते परामर्श लेना चाहिए। ऐसा इसलिए, क्योंकि अनियमित माहवारी की समस्या हार्मोन से सम्बद्ध होती है।
जांच:'बोन मास डेंसिटी' परीक्षण से ऑस्टियोपोरोसिस होने की संभावना का पता चलता है। चूंकि मैनोपाज के बाद नई हड्डियों के निर्माण की प्रक्रिया कम होने लगती है। इस कारण ऑस्टियोपोरोसिस होने का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा 30 साल की उम्र के बाद शरीर में कैल्शियम का संचित भंडार कम होने लगता है। इसलिए शरीर में कैल्शियम को संतुलित करने के लिए आहार में सही मात्रा में कैल्शियम लेना बहुत जरूरी है।
ऐसे होंगी अस्थियां सशक्त
-डॉक्टर या डाइटीशियन के परामर्श से फूड चार्ट तैयार कराकर उस पर अमल करें। यह जानें कि किन-किन खाद्य पदार्र्थो में कैल्शियम पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है।
-डॉक्टर के परामर्श से आप कैल्शियम के सप्लीमेंट्स भी ले सकते/ सकती हैं।
-दूध और इससे निर्मित खाद्य पदार्र्थो में कैल्शियम पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है।
-नियमित रूप से व्यायाम करें। इसके अलावा शारीरिक गतिविधियां जारी रखें। लिफ्ट के स्थान पर अगर संभव हो, सीढि़यों का इस्तेमाल करें।
-कैल्शियम युक्त व विटामिन डी हेल्थ ड्रिंक लेना लाभप्रद है।
रोकथाम व इलाज: मैनोपॉज होने के पहले खासकर 30 साल की उम्र के बाद महिलाओं को प्रचुर मात्रा में कैल्शियम और अन्य पोषक तत्वों से युक्त डाइट लेनी चाहिए। विटामिन डी भी हड्डियों को सशक्त करता है। प्रात:कालीन सूर्य की किरणों में विटामिन डी पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है।
भोजन करते समय इस बात का ध्यान रखना बहुत जरूरी है कि खाने के साथ काब्रोनेटेड डि्रंक्स, कॉफी या चाय न पिएं, क्योंकि ऐसा करने से हड्डियों में संचित कैल्शियम क्षीण होने लगता है। ऑस्टियोपोरोसिस के इलाज में कई दवाएं दी जाती हैं, जिन्हें डॉक्टर के परामर्श से ही लेना चाहिए।