नींद कम आना या जरूरत से अधिक सोना, दोनों ही सेहत के लिए हानिकारक है। अगर आप लगातार छह घंटे या इससे कम सो रहे हैं तो आप हृदय रोग, मधुमेह व अन्य स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों के शिकार हो सकते हैं। साथ ही 10 घंटे से अधिक सोने वालों को भी इन्हीं परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
अमेरिका में सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन के एक सर्वे के अनुसार कम सोने वालों को दिल का दौरा, मधुमेह के अलावा मोटापा व मानसिक तनाव जैसी समस्याओं से दो-चार करना होना पड़ रहा है।
इसके अलावा नींद अधिक आ रही है तो भी लक्षण अच्छे नहीं हैं और आपको तुरंत चिकित्सा सहायता की जरूरत पड़ सकती है। अधिक सोने वालों को हृदय रोग, मधुमेह व अन्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
चिकित्सक जैनेट बी क्रॉफ्ट ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि सर्वे में नींद को मानसिक तनाव व अन्य बीमारियों का कारक माना गया है। ऐसे में चिकित्सकों को जांच के दौरान मानसिक स्वास्थ्य व वजन के अलावा नींद को भी जांच के दायरे में रखना चाहिए।
यह सर्वे 45 साल या उससे अधिक आयु के 54 हजार लोगों के बीच किया गया था। सर्वे के अनुसार लगभग एक तिहाई लोग (31 फीसदी) सामान्य से कम नींद लेते हैं। इसमें 64 फीसदी लोगों को नींद की कोई समस्या नहीं दिखाई दी। चार फीसदी सामान्य से अधिक सो रहे थे।
अमेरिकी अकादमी आफ स्लीप मेडिसिन के अध्यक्ष डा. एम साफ्वान बदर के अनुसार कम नींद व अधिक नींद की परेशानी है तो तुरंत विशेषज्ञ से सलाह लें। निद्रा रोग का समय पर इलाज करवा आप निश्चित तौर पर स्वास्थ्य में सुधार के साथ बेहतर जिंदगी जी सकते हैं।