बीते 40 साल से एफ-1 को नियंत्रित कर रहे बर्नी ने कहा कि उनके प्रबंधन ने हमेशा भारत को कैलेंडर की शुरुआत में मेजबान के रूप में चाहा था लेकिन आयोजकों ने अक्टूबर में रेस कराने की इच्छा जाहिर की थी।
बर्नी ने फोन पर लंदन स्थित ऑफिस से कहा, "हमने जब जेपी समूह के साथ पांच साल का करार किया था तब हम भारत को सत्र के मध्य में रखना चाहते थे लेकिन जेपी ने अक्टूबर में रेस कराने की मांग की थी।
हमने दो साल अक्टूबर में रेस कराया लेकिन अब इसे 2015 सत्र की शुरुआत में कराया जाएगा।"
जेपी ने भी मंगलवार दोपहर तक बर्नी की इस बात पर एक लिहाज से सहमति जताई। जेपी स्पोर्ट्स इंटरनेशनल के प्रबंध निदेशक समीर गौर ने कहा कि उन्होंने उत्सवों के मौसम में देश में इस रेस को कराना चाहा था लेकिन अगर एफ-1 प्रबंधन इसे सत्र की शुरुआत में कराना चाहता है तो उन्हें कोई परेशानी नहीं है।
गौर ने कहा, "अक्टबूर-नवंबर मौसम के लिहाज से भारत के लिए अच्छे हैं। साथ ही ये उत्सव के मौसम भी हैं। अगर एफ-1 प्रबंधन चाहता है कि रेस को मार्च 2015 में कराया जाए तो हमें क्या परेशानी हो सकती है।"
जेपी समूह के सूत्रों के मुताबिक गौर और बर्नी लंबी बातचीत के बाद इस नतीजे पर पहुंचे हैं। बर्नी ने कहा कि 2014 की रेस आयोजित नहीं हो सकेगी क्योंकि जेपी समूह के लिए छह महीने में दो रेसों का आयोजन करा पाना सम्भव नहीं होगा।