भगवान ये तूने किस-किस तरह के लोगो को इस दुनिया में भेजा है, जो दूसरों के दुःख में साथ भी नहीं देते उल्टा वो उस दुःख को उनकी कमजोरी बना देते है। इस कथन का सीधा सा उदाहरण हाल की मीडिया और लोगो के दिल और दिमाग में चल रही घटना उत्तराखंड में आयी प्राकृतिक आपदा का है। जहाँ लाखों लोग मारे गए, लोगो के घर कुदरत की हुई तबाही में बह गए, न जाने कितनों ने अपने परिवार वालो को खोया।
जहाँ एक आदमी अपने बिछड़े परिजनो को खोज खोज कर परेशान हो रहा है वही देश के सर्वोपरी और देश के लोगो के हित के बारे में सोचने समझने वाले और देश को चलाने वाले हमारे नेतागण अपनी उपस्थिति देकर मदद के हाथ बढ़ाने के बदले उन लोगों के दुःख से बहे आंसू और कभी न उठने वाले शवों पर राजनेता राजनीती के रोटी सेक रहे है।
हमें अभी तक ये समझ नहीं आता कि राजनीति में वो कौन सी दीमक है जो कभी जनहित को अपना धर्म मानने वाले नेता का दर्द और अपनेपन को खाजाती है और वो कौन सा वायरल है जो राजनीती में घुसते ही लग जाता है। अब यही उत्तराखंड की बात करें तो हम सभी इस बात से हैरान ही नहीं असमंजस में हैं कि जब हमारे देश के सैनिक आपनी पूरी ताकत और जान तक दे कर उत्तराखंड में आयी आपदा से लोगों को बचाने में और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर ले जा रहे थे उस वक्त देश को चलाने वाले हमारे नेता अपने बयानबाजी से बाज नहीं आ रहे थे।
कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल की बात हो तो सोचने की शक्ति ही हार मान लेती है राहुल गाँधी उत्तराखंड में बाढ़ आने से ठीक पहले वहां दौरे पर थे। उस वक्त बारिश शुरू हुई थी और राहुल ने अपना सारा कार्य संपन किया सिवाए वहां की जनता से मिलने के और वजह क्या बताई गई.. “बारिश”।
दूसरी ओर राहुल को राजनीति में बच्चा कहने वाले संसद में बैठे विपक्ष के नेता जो एकता का नारा लगाने वाले और हिनदुस्तान को एक मानने वाले प्रदेश में बट गए।
सबसे दिलचस्प बात तो ये है कि हमारे नेता हर विषय और न जाने किन किन चीजों पर बात करने मीडिया में खुद आते है और बताते है कि हमने ये किया हमने वो किया... और जब उनसे पुछा जाता है की उत्तराखंड में कितने लोगो की मौत हुई और कितने बेघर हुए तो रिपोर्ट का इन्तजार होता है। ये है असली चेहरा देश को चालाने वाले हमारे माननीय नेता और राजनेताओं का।
इन सारी घटनाओं के बाद भी हमारे नेताओं पर कोई प्रभाव पड़ेगा? मुझे तो नहीं लगता लेकिन हाँ अगर वो वायरल पता चल जाये तो कुछ हो सकता है....
इस पर एक नारा याद आ गया
“हमारा नेता कैसा हो....जो देश को लूटने वाला हो.....”