बस्ती : नगरपालिका परिषद द्वारा कुआनो नदी के अमहट घाट पर चल रहे अवैध निर्माण को लेकर कांग्रेसजनों का गुस्सा भड़क उठा है। जिलाध्यक्ष वीरेन्द्र प्रताप पाण्डेय के नेतृत्व में पार्टी पदाधिकारियों ने जिलाधिकारी को सम्बेधित ज्ञापन एडीएम संतोष कुमार राय को सौंपकर तत्काल कार्यवाही की मांग किया है। ज्ञापन में कुआनो नदी की चौड़ाई पूर्ववत रखने, शहर के गंदे नाले को अमहट घाट पर जोड़ने से तत्काल रोके जाने, अमहट घाट पर कराये जा रहे निर्माण कार्यो की गुणवत्ता का परीक्षण कराये जाने, अमहट पुल टूट जाने से बाधित आवागमन को बहाल करने हेतु पुल का निर्माण शीघ्र कराये जाने की मांगें प्रमुखता से शामिल हैं। काग्रेसजनों का तर्क है कि नदी के बीच पक्का निर्माण करवाकर जल प्रवाह को सुनियोजित तरीके से रोका जा रहा जिससे निकट भविष्य में कुआनो नदी धीरे धीरे खत्म हो जायेगी।
जिलाध्यक्ष वीरेन्द्र पाण्डेय ने कहा कि इस समय सुन्दरीकरण का कार्य कराया जा रहा है। नदी का अस्तित्व खत्म किये जाने की जनचर्चाओं के मद्देनजर कांग्रेस की तीन सदस्यीय टीम ने मौके पर जाकर पाया कि चर्चायें नाजायज नही हैं। नदी के बीच तक मिट्टी पाटकर उस पर स्थायी पक्का निर्माण करवाया जा रहा है। इससे नदी विलुप्त होती नजर आ रही है। साथ ही शहर के गंदे नाले को अमहट घाट की सीढियों के बगल में जोड़ा जा रहा है जहां लोग विभिन्न आयोजनों पर स्नान, पूजा, जलाभिषेक आदि करते हैं। ऐसे में लोग गंदे पानी का प्रयोग करने को विवश होंगे। तरह तरह की बीमारियां होगी और आस्था पर भी सवाल खड़े होंगे। जबकि केन्द्र सरकार व सुप्रीम कोर्ट की मंशा मामले में साफ है कि नदियों को प्रदूषण मुक्त बनाने व संरक्षित रखने के साथ ही उसमें पानी का प्रवाह बनाये रखा जाये। किन्तु नगरपालिका परिषद बस्ती की मंशा इसके ठीक विपरीत है।
कांग्रेस उपाध्यक्ष प्रेमशंकर द्विवेदी ने कहा कि कुआनों नदी जनपदवासियों की आस्था से जुड़ी है। नदी के किनारे सैकड़ों गांव बसे है, अनगिनत लोगों की रोजी रोटी नदी से जुड़ी है। नदी किनारे बसे गावों में यह सिचाई के साधन और पशुओं के लिये पानी पीने के काम आता है। ऐसे में नदी का संरक्षण करने की बजाय अवैध निर्माण के जरिये नदी का प्रवाह अवरूद्ध किया जाना किसी भी दशा में उचित नही है। मागों पर विचार करते हुये ठोस पहल नही की गयी तो कांग्रेस मुद्दे को जनान्दोलन का रूप देकर आरपार का संघर्ष छेड़ेगी। ज्ञापन सौपते समय पूर्व जिलाध्यक्ष राममिलन चतुर्वेदी, जगनरायन आर्य, मानिकराम मिश्रा, ज्ञानेन्द्र पाण्डेय, डा. वीएच रिज़वी, प्रमोद दुबे, डा. वाहिद सिद्धीकी, घनश्याम शुक्ला, देवी प्रसाद पाण्डेय, पीएन दुबे, रमा चतुर्वेदी, शेषमणि उपाध्याय, असद अंसारी, राम प्रसाद चौधरी, सूरज गुप्ता, जय प्रकाश, राजेश श्रीवास्तव, छेदी चौधरी, रामधीरज चौधरी, शिवम शुक्ला, बृजेश शुक्ला, आदित्य त्रिपाठी, एसबी ओझा आदि मौजूद रहे।